विश्व विद्यालय की जमीन बचाने को ले होगा आंदोलन

 

 

एटीएन सीटी:-अखिल भारतीय कायस्थ महासभा भोजपुर के तत्वावधान में सदस्यों की एक आवश्यक बैठक श्री चित्रगुप्त मंदिर परिसर बाबू बाजार आरा में पूर्व प्राचार्य प्रो सच्चिदानंद सहाय की अध्यक्षता में हुई। उपस्थित सदस्यों ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अस्तित्व पर बढ़ रहे खतरे की आशंका का घोर विरोध किया तथा आंदोलन करने की बात कही। विषय प्रवेश कराते हुए डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना एक लंबे संघर्ष के बाद की गई ।यह केवल एक विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि वीर बांकुड़ा बाबू कुंवर सिंह की कुर्बानी का जीता जागता इतिहास है। जिसको सुरक्षित रखना और विकसित करना सब की नैतिक जिम्मेदारी है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो सहाय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना यहां के सामाजिक, राजनैतिक तथा बुद्धिजीवियों के कठिनतम प्रयास से किया गया।यह केवल एक भावना ही नहीं बल्कि भोजपुर की आन बान शान की पहचान है। स्वतंत्रता आंदोलन की प्रथम लड़ाई के जीता जागता इतिहास है बाबू वीर कुंवर सिंह। इसके अस्तित्व को मिटाने का प्रयास भोजपुरी मिट्टी को कलंकित करने जैसा है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना स्वागत योग्य है लेकिन इसे अन्यत्र खोला जाए। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय की जमीन को ना देकर अन्यत्र जिला प्रशासन और बिहार सरकार जगह उपलब्ध कराएं ताकि यूजीसी से इसकी मान्यता बरकरार रहे।

साथ ही इसका नामाकरण बिहार निर्माता डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के नाम पर किया जाए। प्रमुख उपस्थित लोगों में पूर्व कुलसचिव प्रो ब्रजेश कुमार, दिनेश प्रसाद, सुरेंद्र कुमार सिन्हा, पू.वार्ड पार्षद दिनेश मुन्ना, रमेश कुमार सिन्हा, दिलीप कुमार सिन्हा, सतीश कुमार सिन्हा, ओम प्रकाश सिन्हा, अधिवक्ता विमलेश कुमार सिन्हा उर्फ बुलगानीन, डॉ संतोष कुमार, यमुना प्रसाद, डा संदीप कुमार,डा निर्मल कुमार,वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव आदि अनेकों रहे।


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