अभिभावक बने शिक्षक:अपने घर पर अभिभावक करा रहे हैं बच्चों की पढ़ाई

लॉकडाउन
● बच्चों की नहीं हुई वार्षिक परीक्षा, स्कूल प्रबंधक कर सकते हैं प्रमोट

● स्कूलों के सत्र में हो रही देरी से अभिभावकों को चिंता

● विद्यालय की घंटी के अनुसार बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई

● दादा दादी के साथ बच्चे दिख रहे हैं खुश, सुन रहे कहानी

संवाददाता सूरज कुमार राठी,जगदीशपुर

जगदीशपुर:कोरोना वायरस के संक्रमण से स्कूली बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। स्कूलों में लॉक डाउन की वजह से उनकी पढ़ाई-लिखाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। साल भर की पढ़ाई के बाद वार्षिक परीक्षा के समय ही लॉक डाउन से सभी स्कूल-कॉलेज बंद हो चुके हैं।प्रखंड के कुछ निजी विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाध्यापक बच्चों का वार्षिक परीक्षा तो ले लिए हैं लेकिन उसका परिणाम घोषित नहीं हो सका है।इससे स्कूल बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही है। ऐसे में लॉकडाउन के कारण छात्र छात्राएं अपना पढाई घर पर ही कर रहे है। सरकारी विद्यालय या निजी विद्यालय के सभी छात्र अपने घर पर ही अपना पढाई पूरा करने में लगे हुए है। हालांकि कई निजी स्कुल के द्वारा छात्रों को ऑनलाइन पढाई करा रहे है। कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन से निजी स्कूलों के द्वारा नई पहल की गई है। जिससे दूसरे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे इस लॉकडाउन के दौरान ऑन-लाइन पढाई कर रहे है। वही सरकारी स्कूलों के छात्रों द्वारा अपने घर पर ही पढाई को पूरा करने में लगे है। छात्र छात्राओं को कहना है कि स्कूल में जैसे सभी विषयों की घंटी के अनुसार पढ़ाई होती थी।वैसे ही हम लोग घर पर पढाई कर रहे है। यह पढाई हम लोगो के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होगा। वही छात्र छात्राओं को इस पढाई में अभिभावक भी काफी सहयोग कर रहे है। जबकि, निजी स्कुल द्वारा जारी एप्प को छात्र डाउनलोड कर अपना पढाई पूरा कर रहे है। क्षेत्र में अपने-अपने घर में पढ़ रहे विद्यार्थियों ने बताया कि निजी स्कुल के द्वारा अपने सभी बच्चे ऑनलाइन पढ़ा कर कोर्स को पूरा करा रहे हैं। लेकिन अब सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चे पीछे ही रह जाएंगे। अब नए सत्र की शैक्षणिक दौड़ में सरकारी स्कूलों के पीछे रहने की पूरी संभावना बन गई है। कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते हम लोगो की पढाई पूरी नहीं हो पा रही है। हम लोग अपने से जैसे तैसे घर पर पढाई कर कोर्स को पूरा करने में लगे है।

विद्यालयों में शुरू नहीं हो सकी नामांकन प्रक्रिया

प्रखंड से नगर तक के कई निजी स्कूलों में अभी तक नए सत्र में नामांकन के लिए प्रक्रिया शुरू भी नहीं हो सकी थी। अब लॉकडाउन के कारण स्कूलों में हर तरह की गतिविधि ठप है। अब स्कूल खुलने के बाद ही वार्षिक परीक्षा व नए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। इसके लिए अभिभावकों को इंतजार करना पड़ेगा। संभावना है कि ज्यादा देरी होने पर कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अगली कक्षा में बगैर परीक्षा के ही प्रमोट कर दिया जाए।

दादा-दादी व पिता सुना रहे हैं अपने बचपन का अनुभव

बीते 22 मार्च तक आरा शहर या अन्य शहरों में जो जगदीशपुर के निवासी रह रहे थे वे अपने-अपने गांव लॉक डाउन के कारण चले आए। इन सभी के लिए ठीक था कि वह अपने गांव पर ही रह कर इस विपदा की घड़ी में बिताया जाये। शहर से गांव आने से बच्चों का दादा दादी चाचा चाची सभी लोग खुश है। ऐसे में घरों में रौनक छा गया। सभी एक साथ बच्चे अपने दादा-दादी के साथ कहानी भी सुन रहे हैं। और टीवी पर रामायण और महाभारत का भी आनंद ले रहे हो। दादा- दादी और पिताजी एक साथ बैठकर अपने बच्चों को बचपन की बातें भी सुना रहे हैं। बच्चों भी अपने अभिभावकों के साथ रहने से काफी खुश नजर आ रहे हैं।

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