
आरा सदर अस्पताल का शर्मनाक चेहरा,चाकूबाजी में खुन से लथपथ मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर
स्ट्रेचर के अभाव में ग्लूकोज की बोतल हाथों में लिए अस्पताल का चक्कर लगाते रहे मरीज और उनके परिजन
सिविल सर्जन ने कहा दोषी कर्मियों पर होगी कार्रवाई
रिपोर्ट:-विकास सिंह/आरा:-बिहार सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर होने का दावा कर रही हो, लेकिन सरकारी अस्पतालों की हालात आज भी ठीक नहीं हुई। ऐसा हम नहीं बल्कि आरा जिलें के सरकारी सदर अस्पताल की ये तस्वीर बयां कर रही है। जहां चाकूबाजी में खुन से लथपथ एक जख्मी मरीज को स्ट्रेचर के अभाव में इलाज के लिए अस्पताल में इधर उधर भटकना पड़ा। लेकिन अस्पताल कर्मियों की मनमानी रवैये की वजह से गंभीर अवस्था में घायल मरीज को न तो अस्पताल से एम्बुलेंस मिली और नाही स्ट्रेचर। उल्टे उन्हें अस्पताल कर्मियों की ओर से ये सुझाव जरूर मिल गई कि इलाज कराना है तो वो चाहे मरीज को टांग कर ले जा सकते हैं।जिसके बाद मजबूरन परिजनों को हाथ में ग्लूकोज की बोतल लेकर मरीज को अस्पताल में इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड से एक्सरे रूम तक पैदल ही ले जाना पड़ा। दरअसल यह मामला जिला के सरकारी सदर अस्पताल में गुरूवार को तब देखने को मिला। जब शहर के टाउन थाना क्षेत्र के गौसगंज में मवेशी चराने को लेकर उपजे विवाद में उदवंतनगर के बामपाली गांव निवासी उमा शंकर भगत को कुछ लोगों द्वारा चाकू मारकर जख्मी कर दिया गया था।
चाकू के वार से बुरी तरह जख्मी उमाशंकर भगत को परिजनों ने इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया। जहां इलाज के दौरान अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने घायल का एक्सरे कराने को कहा। जिसके बाद जख्मी के परिजनों ने अस्पताल प्रसाशन से स्ट्रेचर की मांग कि। लेकिन ड्यूटी पर तैनात अस्पताल कर्मियों ने स्ट्रेस्चर तो नही उपलब्ध कराया बल्कि मरीज के परिजनों को सलाह जरूर दिया कि आप इनको गोद में उठा कर इलाज के लिए ले जा सकते हैं।जिस पर लाचार परिजनों ने हाथों में ग्लूकोज की बोतल लिये जख्मी को पैदल ही एक्सेरे कक्ष तक ले गए। तब तक अस्पताल प्रसाशन की ये शर्मनाक तस्वीर मीडिया कर्मियों के कैमरे में कैद हो गई। इस मामले में जख्मी और उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल कर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की गई थी। लेकिन स्ट्रेचर नही मिलने के वजह से उन्हें मरीज को इलाज के लिए पैदल ही अस्पताल का चक्कर लगवाना पड़ा। जब इस पूरे मामले में आरा सिविल सर्जन ललितेश्वर प्रसाद झा से जानने की कोशिश की गई तो वो मामला संज्ञान में आने से इंकार करते हुए बताया कि ऐसी बात नही है आरा सदर अस्पताल में मरीजो के लिए समुचित व्यवस्था है अगर इस तरह की तस्वीर आई होगी तो वो जान बूझ कर मरीज को खड़ा कर अस्पताल को बदनाम करने के लिए किया गया होगा। सिविल सर्जन ने कोरम पूरा करते हुए मीडिया कर्मियों द्वारा संज्ञान में लाने की बात बोल कहा कि इस लापरवाही में जो भी कर्मी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मामले की जांच की जाएगी जो भी दोषी होंगे उन पर कार्यवाही की जायेगी। बहरहाल आरा सदर अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस अस्पताल में कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं जिससे इंसानियत शर्मसार होते हुए नजर आया हैं।