ऑनलाइन लाइव कनसर्ट एण्ड कनवरसेशन के माध्यम से दी जा रही है शस्त्रीय संगीत और नृत्य की शिक्षा

(संवाददाता सावन कुमार/आरा)

आरा की धरती से कथक नृत्य को एक नया आयाम देने वाले सुप्रसिद्ध कथक गुरु बक्सी विकास ने इस वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से हुए लॉक डाउन में भी अपने शिष्यों को शिवादि क्लासिक सेंटर ऑफ आर्ट एण्ड म्यूजिक की ओर से ऑनलाइन लाइव कनसर्ट एण्ड कनवरसेशन के माध्यम से सुवासित्त कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का संचालन एच.पी. डी. जैन महाविद्यालय के कला आचार्य गुरु बक्शी विकास कर रहे है।

इसमें बिहार के अलग – अलग जिलों से शिष्य ऑनलाइन लाइव कनसर्ट एण्ड कनवरसेशन में भाग ले रहे है। कार्यक्रम का संचालन करते हुये गुरु बक्शी विकास ने परिचर्चा में कहा कि शास्त्र कोई बंधन नही है शास्त्र मुक्ति है ।आदि काल से चले आ रहा संगीत को शास्त्र ने ही प्रमाणित किया है । वही नई दिल्ली के मशहूर संगीत संगीत शास्त्री पंडित देवेंद्र वर्मा ने संगीत में शास्त्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि संगीत में छ: राग और छत्तीस रागिनी की प्राचीन परम्परा रही है l आज़ संगीत की पढाई विश्वविद्यालय स्तर तक पहुँच गई है, संगीत शोध का गहन विषय बन चुका है ।
संगीत के शास्त्र को समझना आवश्यक है ।शास्त्र ही हमें संगीत में राग और ताल से परिचित करवाता है । बिना शास्त्र को समझे गायन वादन करना निरर्थक है । इस परिचर्चा में पुणे के विश्वविख्यात तबला वादक पंडित अरविंद कुमार आजाद जी ने कहा कि साथ -संगत करना की तबला की उत्पत्ति का मूल उद्देश्य है ।व्यक्तिगत रुचि के बगैर कुशल संगतकार होना असम्भव है l उत्तर प्रदेश के चौधरी चरण सिंह महाविद्यालय के प्रोफेसर (डॉ.) लाल बाबू निराला जी ने कहा अवनद्य वाद्य का विकास त्रिपुष्कर, पखावज आदि से होते हुऐ उन्नत तबला वादन वर्तमान में सर्वाधिक प्रचलित है l तबला का प्रचलन लगभग 320 वर्ष पुराना है । तबला का शास्त्र मुख्य रूप से गणित पर आधारित है तथा ताल की मात्र ताल का प्रथम गणितीय रूप है तथा उसका ठेका प्रथम बंदिश होता है ।
परिचर्चा में विशेष अतिथि विशेषज्ञ के रुप में नई दिल्ली से प्रख्यात संगीत शब्दकार पंडित विजय शंकर मिश्र जी, बी.एच.यू के नृत्य विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर(डॉ.) विधि नागर जी, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के नृत्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) भावना ग्रोवर दुआ जी व शास्त्रीय गायिका विदुषी बिमला देवी शामिल हो रहे है।

इस परिचर्चा में पंडित विजय शंकर मिश्र ने कहा की संगीत की बारीकियां गुरु के श्री चरणों में ही प्राप्त होता है l समय के साथ साथ दूरस्थ शिक्षा का प्रसार हुआ है l दूरस्थ शिक्षा में संचार सशक्त माध्यम सिद्ध हुआ है l वहीं डॉ. विधि नागर ने कहा कि पहले के ज़माने में गुरु और शिष्य का मिलना कठिन था l आज़ सात समुन्द्र पार भी गुरु और शिष्य जुड़ रहे हैं l इसमें ऑनलाइन प्रशिक्षण की बहुत बड़ी भूमिका है l लॉकडाउन में सेलिब्रिटी से लेकर आम इंसान, स्कूल कॉलेज एवं संस्थान सभी कुछ न कुछ इनोवेटिव करने में लगे हैं l ऐसे में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्याय का प्रीमियम कॉलेज कहा जाने वाला हर प्रसाद दास जैन महाविद्यालय ने गौरव गान को अमली जामा पहनाया है l गौरतलब है कि महाविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर (डॉ.) बलराम सिंह महाविद्यालय के गौरव गाथा को शब्दों में पिरोया है l वहीं अंतर्राष्ट्रीय कथक गुरु बक्शी विकास ने अपने स्वरों व संगीत संयोजन कर इसे सजाया है l इस गौरव गान का विडिओ रीलिज किया गय़ा l महाविद्यालय के गौरव गान के प्रस्तुतकर्ता प्रधानाचार्य डॉ शैलेन्द्र कुमार ओझा ने बताया कि इस गीत के माध्यम से विद्यार्थी महाविद्यालय की स्मिता का अनुभव कर सकेंगे साथ ही महाविद्यालय गान के स्वरों की अनुगूंज से भली भाँति परिचित रहेंगे l गुरु बक्शी विकास ने बताया कि महाविद्यालय के कार्यक्रमों में छात्र छात्राओं को इस प्रस्तुत में यह वीडियो सहायक सिद्ध होगा l इस वीडियो में महाविद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियों, सुंदर भवन व प्रकृति का दर्शन कराया गय़ा है l इस विडिओ को गुरु बक्शी विकास ने बनाया है
कथक गुरु बक्शी विकास ने कहा कि हुनर नदी के समान होता है l इसका बहाव कभी रुकता नही l आज़ हमारे पास विज्ञान ने ऐसे साधन दिये हैं जिससे घर में रहते हुये भी हम सृजन कार्य कर सकते हैं जिसका लाभ पूरे समाज को हो सकता है l नई दिल्ली से प्रख्यात संगीत शब्दकार पंडित विजय शंकर मिश्र , बी.एच.यू के नृत्य विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर(डॉ.) विधि नागर ,
स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के नृत्य विभाग की विभागाध्यक्ष
प्रोफेसर(डॉ.) भावना ग्रोवर दुआ व शास्त्रीय गायिका विदुषी बिमला देवी शामिल हुये । ऑनलाइन परिचर्चा में कथक नृत्यांगना सोनम कुमारी, कथक नर्तक अमित कुमार, रविशंकर और राजा कुमार समेत अन्य प्रशिक्षुओं ने भी शिरकत की ।
अंतर्राष्ट्रीय कथक गुरु बक्शी विकास द्वारा निर्देशित इंडियन क्लासिक म्यूजिक और वेस्टर्न म्यूजिक का संयोजन पर आधारित फ्यूजन म्यूजिक एलबम “नाच ले मन तू” की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है l इस वीडियो में कथक की चर्चित नृत्यांगना आदित्या ने नृत्य व अभिनय किया है l एक ओर लॉकडाउन से पूरी दुनिया का लय -ताल बिगाड़ चुका है तो वही दूसरी ओर आरा की कथक जोड़ी आदित्या और बक्शी विकास संगीत के लय ताल को संयोजन करने में व्यस्त हैं l इस एलबम की शूटिंग पूरी कर ली गई है और धीरे धीरे इसे काफी लोकप्रियता भी मिल रही है ।


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