कोरोना को लेकर संवेदनशील दिख रही गांव की महिलाएं

महिलाएं लोगों से घरों में ही रहने को कर रही है प्रेरित

-टीवी, इंटरनेट, लूडो, शतरंज और अंताक्षरी से कर रही मनोरंजन

-घर की छतों से ही हो रहे है पड़ोसियों से दीदार और बातें

मुंगेर/28 मार्च। कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर पूरी दुनियां के लोग चिंतित है। इस वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बना रहे सरकार ने एहतियात कदम उठाते हुए लॉकडाउन घोषित कर दिया है। ऐसे में गांव और शहर की सड़कें और गलियां सूनी पड़ी है। ग्रामीण बाहर से आने वाले लोगों की पहचान होते ही फौरन मुखिया और थाने को इसकी सूचना देते हैं। पिछले चार दिनों से शाम 7 बजते ही शहर और गांव में ऐसा लगता है मानो रात के 11-12 बज रहे हो। ऐसे में जहां पुरुष लॉकडाउन के महत्व को समझ रहे वहीं गांव और शहर की महिलाएं भी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर संवेदनशील दिखती है। घर के कोई सदस्य या बच्चे घर से अगर निकलने की कोशिश करते है तो घर में मौजूद महिलाएं उन्हें रोकती है। साथ ही उन्हें कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देती है और साफ-सफाई पर विशेष ख्याल देने की बात करती है।

गांव की महिलाएं लॉकडाउन का कर रही है पालन :

अब जब 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है ऐसे में कामकाज के बाद महिलाएं घर में बैठे-बैठे बोर नहीं हो इसके लिए अपने घर के दरवाजे पर ही बच्चों के साथ मनोरंजन कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान का समर्थन करती हुई बकरी गांव की मालती देवी और धपरी की उर्मिला देवी ने कहा कि इस समय हम सभी को लॉकडाउन का पालन करना चाहिए। वही जमालपुर की बेबी कुमारी ने कहा कि पड़ोस की महिलाएं भी दूसरे घरों में संक्रमण को रोकने चलते नहीं जा रही.ऐसे में गप-शप भी बंद है और गांव व मोहल्ले की गतिविधियों भी अपनी छतों से देख रही है। गांव की महिलाएं कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन का पालन करती दिख रही है। लोग घरों में रहकर खुद को कोरोना से बचा रहे हैं।

व्वाट्सएप पर मैसेज भेजकर भी किया जा रहा जागरूक

हवेली खड़गपुर के धपरी गांव की वार्ड पार्षद हेमलता केसरी और उषा देवी बताती हैं कि महिलाओं के बीच कोरोना से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं को साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कहीं जा रही है। जागरूकता के साथ-साथ बेवजह तनाव में लोग न रहे इसके लिए व्वाट्सएप पर मैसेज भेजकर भी जागरूक किया जा रहा है। वही धपरी के मुखिया विभाष चंद्र निराला ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है। इसकी सूचना प्रशासन को हर दिन दी जाती है। ताकि जरूरत पड़ने पर संदिग्ध लोगों की जांच हो सकें।

टीवी सीरियल, लूडो और शतरंज में बच्चे हैं मशगूल

घर के कामकाज के बाद घर में ही परिवार की अन्य महिला सदस्य और बच्चियों के साथ टीवी पर शुरू हुए रामायण, देश-विदेश में कोरोना से जुड़े समाचार, फिल्म आदि देखकर मन बहला रही है तो कई महिलाएं और बच्चियां घर में लूडो, शतरंज और अंताक्षरी से मनोरंजन कर रही है। ऐसी स्थिति अब इन महिलाओं के दिनचर्या में शामिल होने लगा है। कोरोनोवायरस संक्रमण को लेकर ग्रामीण इलाके के लोग जागरूक दिख रहे हैं। लोग घरों में रहकर खुद को कोरोना से बचा रहे हैं।

अपने छत से दूसरे पड़ोसियों का ले रही हाल

इधर शाम ढलने के साथ शोर-गुल भी थम जा रहे है। शाम में पड़ोस की महिलाएं भी एक दूसरे के घर नहीं आ रही। शाम के वक्त अपने-अपने छतों पर लोगों की अच्छी खासी चहल-पहल देखी जा रही है। पड़ोस की महिलाओं से बातचीत का सिलसिला भी एक छत से दूसरे छत तक होती दिखती है। छतों पर हो रहे बातचीत से घर में बनाए गए व्यंजन और कार्य की चर्चा हो रही है। लेकिन वहां भी कोरोना की चर्चा पीछा नहीं छोड़ रहा। कोरोना वायरस फैलते संक्रमण के चैन को तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने की बात कहती हैं।


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