कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिलाधिकारी ने समाहरणालय सभा कक्ष में विचार विमर्श हेतु बैठक की आयोजित
(रितेश हन्नी/सहरसा) – कोविड 19 के संदर्भ में जिले में संभावित लाॅकडाउन के परिपेक्ष्य में आज जिलाधिकारी कौशल कुमार ने समाहरणालय सभा में चेम्बर आफ काॅमर्ष, आई.एम.ए., रेडक्राॅस, रोटरी क्लब, ट्रांसपोर्ट एसोसिएषन, सहित विभिन्न व्यवसायिक संघों/सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्ष हेतु बैठक की। जिलाधिकारी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह आकस्मिक बैठक आप सभी से कोविड 19 के संदर्भ में विचार विमर्ष एवं सुझाव हेतु आयोजित की गई है।

जिलाधिकारी ने जिला में कोरोना संक्रमण के संबंध में अद्यतन जानकारी देते हुए कहा राज्य के दस से बारह जिलों में सहरसा जिला भी एक है जहां ली गई सैम्पल में 11 प्रतिषत से अधिक पाॅजिटिव केस पाये जा रहे हैं, स्थिति गंम्भीर है। आज की तिथि तक कुल-267 पाॅजिटिव पाये गये जिनमें से 221 को ईलाज के उपरांत डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में जिले में सक्रिय पाॅजिटिव की संख्या 33 हैं। जिनका आइसोलेषन केन्द्र पर इलाज चल रहा है तथा उम्मीद है कि वे जल्द स्वस्थ्य हो जाएंगे। संतोष की बात है कि जिले में कोरोना संक्रमण से एक भी मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण सैम्पल जाँच हेतु मुजफ्फरपुर जाँच केन्द में 105 सैम्पल एवं सदर अस्पताल में संस्थापित ट्रुनेट के माध्यम से 75 सैम्पल प्रतिदिन जाँच का लक्ष्य है। ट्रुनेट के माध्यम से पाॅजिटिव आए मामले को भी पुनः कन्फर्मेट्री कीट से जाँच कर कन्फर्म किया जा रहा है। रेपिड ऐन्टीजन टेस्ट भी जल्द हीं जिले में अधिष्ठापित होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा पाॅजिटिव मामले सहरसा नगर परिषद क्षेत्र में पाये गये हैं। कुल 141 पाॅजिटिव मामले नगर परिषद सहरसा/कहरा प्रखंड मुख्यालय का है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि नगर परिषद क्षेत्र सहरसा कोरोना संक्रमण के मामले में संवेदनषील हो गया है।

इस क्षेत्र में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। साथ हीं लोगों को जागरूक रहना आवष्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में लाॅक डाउन की आवष्यकता अनुभव की जा रही है। जिला प्रशासन की मंषा है कि तार्किक ढ़ंग से लाॅक डाउन लागू की जाय। उन्होंने कहा कि मास्क के उपयोग हेतु अभियान चलाया गया है, लोगों में मास्क उपयोग में वृद्धी हुई है लेकिन अभी भी इस दिषा में काफी जागरूकता लाया जाना जरूरी है। जिलाधिकारी ने कहा कि जागरूकता एवं दंडाधिकारी कार्रवाई जिला प्रषासन के स्तर से की जा रही है। अब वर्तमान में ऐसे पाॅजिटिव मामले सामने आ रहे हैं जिसमें संक्रमण चेन/चक्र का निर्धारण करना संभव नहीं हो पा रहा है। संक्रमण के चक्र को तोड़ने के लिए लाॅक डाउन हीं प्रभावी उपाय है जिसके लिए राज्य सरकार के स्तर से जिलाधिकारी को प्राधिकृत किया गया है और सभी लोगों की राय लेकर हीं इसे लागू किया जाना है। विभिन्न संगठनों/संघों/सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों द्वारा कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु संभावित लाॅक डाउन के संबंध में अपने-अपने विचार व्यक्त किया गया। कहा कि आमजन कोरोना संक्रमण को हल्के से ले रहे हैं इसके लिए जागरूकता के साथ-साथ सख्ती भी आवष्यक है, संवेदनषील क्षेत्रों में इस पर विषेष ध्यान रखने का सुझाव दिया गया। रैंडम सेम्पलिंग की बात कही गयी। मास्क के उपयोग सोषल डिस्टेंसिंग का सख्ती से अनुपालन कराने एवं जागरूकता अभियान चलाने की बात बैठक में उभर के आई। इसके लिए जिला प्रषासन को इस दिषा में लाॅक डाउन आवष्यक होने पर इसके विकल्प पर सहमति व्यक्त की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी से प्राप्त सुझाव के आलोक में संक्रमण पर नियंत्रण हेतु जिला प्रषासन द्वारा ससमय समुचित निर्णय लिये जाएं। जिलाधिकारी ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग को निर्देष देते हुए कहा कि संभावित लाॅक डाउन की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को अधिक परिश्रम करने की आवष्यकता होगी। शहरी क्षेत्र में संवेदनषील समूहों एवं वार्डवार रैंडम सैम्पलिंग के साथ-साथ पुनः अच्छे से हाउस टू हाउस सर्वे का कार्य सुनिष्चित करें। इसके अतिरिक्त जो भी पाॅजिटिव मामले सामने आते हैं उनका काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग करें। बैठक में पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार, अपर समाहर्त्ता, उप विकास आयुक्त, नगर परिषद अध्यक्ष सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण एवं विभिन्न व्यवसायिक संगठनों, संघों, सिविल सोसायटी, मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।