गरीब टोलों के बच्चों को काॅरोना रोको से जोड़ा गया,ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव।
बिहार सरकार की काॅरोना रोको की तैयारी नाकाफी बताया मंजिल ने
सवांददाता कुणाला सिंह,गड़हनी
गड़हनी :- गड़हनी शाहीन बाग़ की ओर से आज बच्चों को कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए हाथ धोना सिखाया गया ।बिचली पट्टी दलित-ग़रीब मुहल्ला में दर्जनों बच्चों और उनकी मांओ को ‘काॅरोना रोको’ के अभियान से जोड़कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से
माले नेता मंजिल व गड़हनी भोजपुर भाकपा माले।शाहीन बाग़ के मुख्य संचालक आमीन भारती जी ,ज़फर भाई ,मंज़ूर भाई ,असगर अली ,आलम जी ,इंद्रदेव राम ,सलमा जी , गड़हनी के माले सचिव नवीन कुमार थे इन लोगों ने नालियों की साफ-सफाई , फिनाइल व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया।और लोगों के बीच बात भी रखा कि कि कैसे कोरोना से खुद को और समाज को बचाव करना है।

भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी नेता मंजिल ने कहा है कि बिहार सरकार कह रही थी कि बिहार में कोरोना संक्रमण का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है , लेकिन कल पटना एम्स में एक व्यक्ति की मौत के बाद पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित था ।मृतक कुछ दिन ही पहले कतर से आया था, इसका मतलब है कि विदेशों से आने वाले लोगों की कोई जांच नहीं हो रही है। बिहार सरकार ठोस काम करने की बजाय इस महाविपत्ति में भी केवल बयानबाजी कर रही है।
और अब लाॅक-डाउन कर दिया है। राहत-पैकेज की घोषणा व मेडिकल इमर्जेंसी से लड़ने के लिए जरूरी कदम उठाने की बजाय बयानबाजी हो रही है।
मंजिल ने कहा कि
यह मौत बता रही है कि कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार ने कोई तैयारी नहीं कर रखी थी।प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मृतक की पटना एयरपोर्ट पर जांच हुई थी, लेकिन उसे घर जाने के लिए कह दिया गया। घर जाने के बाद जब किडनी में तकलीफ हुई तो बस से पटना के एम्स अस्पताल पहुंचा।यात्रा के दौरान उस बस में सवार कितने यात्रियों को संक्रमण का ख़तरा पैदा हो गया है इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

इसका मतलब है एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
बिहार में जांच के नाम पर महज एक केंद्र खोलने की बात हुई है। इससे भला क्या हो सकता है? हमारी मांग है कि सरकार जिला केंद्रों पर जांच की व्यवस्था करे और तमाम प्रखंड-पंचायत स्तर पर कोरोना की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाए केरल सरकार की तर्ज पर बिहार सरकार को विशेष राहत पैकेज जारी करना चाहिए. दिहाड़ी मजदूरों के लिए भत्ता और गरीबों के लिए राशन उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
बच्चों के लिए घर पर मिड डे मील की व्यवस्था की जानी चाहिए।
हम यह भी मांग करते हैं कि मृतक के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की सरकार तत्काल स्क्रीनिंग कराए।
