काॅरोना रोको अभियान के तहत गड़हनी शाहीन बाग़ की सभा 31 तक स्थगित।।
संवाददाता कुणाल सिंह/गड़हनी
गड़हनी:-कोरोना रोको अभियान के दूसरे दिन यानि 21 मार्च की संध्या
गड़हनी शाहीन बाग़ ,भाकपा माले और इंसाफ मंच ने शाहीन बाग संचालकों की एक मीटिंग में 31 मार्च तक के लिए सभा व सामूहिक जूटान का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।
शाहीन बाग प्रतीकात्मक तौर पर चलता रहेगा लेकिन तमाम तरह की सामूहिक गतिविधि स्थगित करके गांव-गांव में ‘काॅरोना रोको’ अभियान चलाएगा। दलित ,मांझी और मुस्लिम मुहल्ले में नली-गली की सफाई ,फिनाइल का छिड़काव और साबुन वितरण करेगा ।
मीटिंग में माले केन्द्रीय नेता मनोज मंजिल , माले के तरारी विधायक सुदामा प्रसाद , पीरो सचिव संजय और गड़हनी सचिव नवीन कुमार , इनौस गड़हनी संयोजक सोनू सहित जफर , मंजूर , अमीन भारती , सलमा , असगर , आलम , अख्तर , वीरेन्द्र पासवान , इंद्रदेव राम , सम्राट , वासुदेव सिंह , युवा नेता हरिनारायण , सिक्का , बिट्टू महतो , निक्कू अली , शायर जन्नत , असलम व नेहाल समेत दर्जनों महिला-पुरूष उपस्थित रहे।
भाकपा-माले के राज्य कमिटी सदस्य और तरारी विधायक ने अपील करते हुए कहा कि हमारे देश के सबसे कमज़ोर दिहाड़ी मज़दूर, छोटे दुकानदार, पकौड़े तलने वाले कैसे जिएंगे, कोरोना से कैसे बचेंगे? सरकार उनके लिए राशन भत्ता, साबुन , निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की गारंटी करे और शाहीन बाग जनता को राहत दिलाने के लिए सरकार से ये सभी प्राप्त करने के लिए जी-जान लगाए तभी हम एनपीआर-सीएए-एनआरसी की लड़ाई में आगामी दिनों में और मजबूती के साथ उतरेंगे।
मनोज मंजिल ने कहा कि
भाकपा माले , इनौस , आइसा , भगत सिंह यूथ ब्रिगेड सहित हमारे सारे जन संगठन सामाजिक साझेदारी, कोरोना के मामले में जागरुकता, राहत और
रोकथाम के काम में पूरी ताकत से लगेंगे, और सरकारों को भी जवाबदेह ठहराने का काम करेंगे।
शाहीन बाग की ओर से माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य मनोज मंजिल ने कहा कि हम 22 मार्च को पूरे दिन घर के अंदर रहने की अपील करते हैं, और अपने घरों के बाहर बैनर और तख्तियां लटकाकर मांग करेंगे कि केंद्र और राज्य सरकारें इस आपदा से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की घोषणा करें:

- प्रत्येक जिले में इस बीमारी के परीक्षण और उपचार की सुविधा सुनिश्चित करें, स्वास्थ्य सेवा का राष्ट्रीयकरण करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निजी अस्पताल गरीबों को कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सके।
- शहर के झुग्गी-झोपड़ियों और गांवों में गरीबों के लिए स्वच्छता व निरोगता के लिए सभी साधन प्रदान करें।
- बच्चों के लिए मिड डे मील और सभी के लिए राशन की होम डिलीवरी सुनिश्चित करें।
- जीविका के नुकसान की भरपाई के लिए निर्वाह भत्ता सुनिश्चित करें – इसमें दिहाड़ी मजदूर, मनरेगा मजदूर, छोटे व्यापारी, विकलांग व्यक्ति, बेघर व्यक्ति शामिल हैं।
- अफवाहों, अंधविश्वासों और नकली इलाज को सख्ती से रोकें; सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने सहित सभी सावधानियों को बरतें और बुजुर्ग, बीमार और कमजोर लोगों का साथ दें।