कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव से बचने के लिये बिहार में 31 मार्च तक लॉकडाउन, लोगों को जरूरी काम से निकलने की इजाजत।।
जनता कर्फ्यू के समर्थन पर लोगों ने शाम में थाली बजाई।
आरा। कुणाल सिंह की रिपोर्ट
जनता कर्फ्यू के दिन रविवार को कोरोनावायरस से हुई पहली मौत के बाद बिहार सरकार ने 31 मार्च तक लॉकडाउन करने का फैसला किया है। पटना ऐम्स में मुजफ्फरपुर निवासी सैफ अली की मौत की पुष्टि डॉक्टरों ने की जो 38 वर्ष का था।वो कुछ दिन पहले विदेश से आया था।जिसका इलाज पटना ऐम्स में चल रहा था।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ करीब तीन घंटे तक बैठक की और इसके बाद जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय और ब्लॉक मुख्यालय को लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। सभी निजी प्रतिष्ठानों, निजी कार्यालयों एवं सार्वजनिक परिवहन को बंद रखने का फैसला लिया गया है। बैठक के बाद यह जानकारी दी गई परिस्थितियों को देखते हुए 31 मार्च को फिर फैसला लिया जाएगा।

बैठक के बाद बिहारवासियों के नाम संदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी मानव जाति संकट में है। हम सब इस महामारी का डट कर मुकाबला कर रहे हैं। आवश्यक सावधनियां भी बरती जा रही हैं ।लेकिन इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना आवश्यक है। इसका सबसे अच्छा उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है।
माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लॉक डाउन में आवश्यक व अनिवार्य सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठानों-चिकित्सा सेवाओं, खाद्यान्न व किराने के प्रतिष्ठान, दवा की दुकानों, डेयरी- डेयरी से संबंधित प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन, बैंकिंग, एटीएम, पोस्ट ऑफिस के अलावा प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि सेवाओं और इन सेवाओं के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों को इस आदेश की परिधि से बाहर रखा गया है।
माननीय मुख्यमंत्री ने बिहार के तमाम लोगों से अपील की कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही इस मुहिम में वे अपना पूरा सहयोग दें। जब भी संकट का समय आया है तो हमने सभी लोगों के सहयोग से उस पर विजय पायी है। संकट की इस घड़ी में सरकार सभी लोगों के साथ है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम सब साथ मिलकर इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम होंगे। मैं सब लोगों से यही अपील करूंगा कि आप सब लोग अपने घर के अंदर रहें, इधर-उधर अनावश्यक आने-जाने की जरूरत नहीं है। इन सब चीजों से संबंधित सारे मामलों की जानकारी दी जा रही है।

लॉक डाउन का मतलब
लॉकडाउन एक इमरजेंसी व्यवस्था है जो किसी आपदा के वक्त सरकार द्वारा लागू किया जाता है। लॉकडाउन की स्थिति में उस क्षेत्र के लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं होती है। लोगों को सिर्फ दवा, अनाज जैसी जरूरी चीजों या बैंक से पैसा निकालने की इजाजत दी जाती है। गैदरिंग की इजाजत नहीं होती है।एक साथ समूह बनाने की इजाजत नही है।