भाकपा-माले का गड़हनी में प्रखंड स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सम्पन्न।
सवांददाता कुणाल सिंह/गड़हनी
गड़हनी:-गड़हनी प्रखंड क्षेत्र के निर्मल नगर में भाकपा-माले का प्रखंड स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मनोज मंज़िल ने कहा कि मोदी सरकार ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है और कोरोना को लेकर अपनायी गई अफरा-तफरी की नीति ने देश को अराजकता के माहौल में धकेल दिया है।उन्होंने आगे ने कहा कि दिल्ली-पटना की डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फ्लॉप रही है और इन्होंने बिहार की पहचान को धूमिल करने का काम किया है। बिहार में कोराना की जांच सबसे कम है और आने वाले प्रवासी मजदूरों के साथ सरकार का व्यवहार जानवरों जैसा है. पूरी सरकार सचिवालय की तीन किलोमीटर के दायरे में कैद है, और भ्रश्ट नौकरशाही के हवाले पूरा प्रदेश है। विपक्षी पार्टियों-सामाजिक संगठनों को दरकिनार कर सरकार ने तानाशाही तरीके से कोरोना से लड़ने का तरीका लिया है।

फलतः कोरोना की बीमारी चिंताजनक स्थिति में पहुंचती जा रही है।सम्मेलन के अंत मे यह मांग की गई कि इनकम टैक्स के दायरे से बाहर सभी परिवारों को 7500 रु. मासिक सहायता छह महीने तक दिए जाएं, सभी व्यक्ति को 10 किलो अनाज की आपूर्ति की जाए, मनरेगा में 200 दिन का काम बढ़ी हुई मजदूरी के साथ दी जाए. सभी प्रवासी मजदूरों के परिवहन, भोजन-पानी का खर्च सरकार उठाए. इसके साथ ही सम्मेलन से मांग की गई कि भूख-प्यास भरी यात्रा में थकान व दुर्घटना से अन्यथा क्वारंटीन सेंटर में मौत का शिकार हुए मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए का मुआजवा दिया जाए, क्वारंटीन सेंटर को संपूर्ण लॉकडाउन अवधि तक चलाने व इसकी व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त किया जाए एवं किसानों के केसीसी सहित तमाम कर्ज-स्वंय सहायता समूह के कर्ज की माफी हो तथा तमाम किस्म की फसलों की अनिवार्य खरीद की गारंटी हो।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि भाकपा-माले केंद्रीय कमिटी सदस्य व अगिआंव विधानसभा प्रभारी कॉमरेड मनोज मंज़िल, प्रखण्ड सचिव कॉमरेड नवीन कुमार, अगिआंव प्रखण्ड सचिव रघुवर पासवान , चरपोखरी सचिव महेश मौजूद थे।