कोरोना काल: दृश्यमान होता अदृश्य भारत" राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न हुआ
आरा:-अंजबित सिंह महाविद्यालय, बिक्रमगंज के राजनीतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० चिंटू द्वारा कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एस. एस भास्करम के संरक्षण में “कोरोना काल: दृश्यमान होता अदृश्य भारत” विषय पर आज दिनांक 02 जून2020 को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार की शुरुआत कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा वक्ताओं और वेबिनार में भाग लेने वाले तमाम प्रतिभागियों का स्वागत करके हुआ। “कोरोना काल: दृश्यमान होता अदृश्य भारत” वेबिनार में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, रिसर्चरों, एवं छात्र-छात्राओं द्वारा सैकड़ों की संख्या में भाग लिया गया। इस वेबिनार के प्रमुख वक्ताओं में मौलाना मजहरुल हक़ विश्वविद्यालय पटना के पूर्व रजिस्ट्रार मोहम्मद इसरार हसन खान, गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सेन्टर फ़ॉर गांधियन थॉट एंड पीस स्टडी के प्रोफेसर डॉ. धनंजय राय तथा विख्यात वरिष्ट पत्रकार एवं लेखिका भाषा सिंह थीं।

इस वेबिनार का प्रमुख विषय कोरोना काल मे प्रवासी मज़दूरों की स्थिति पर आधारित था। चूंकि लाखो प्रवासी मज़दूरों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए पूरे समाज के लोगों सामूहिक ज़िम्मेदारी लेनी होगी। क्योंकि यही मज़दूर इस देश को बनाने, सजाने तथा सवारने में प्रमुख भूमिका अदा करते हैं। प्रिंसिपल ने अपने वक्तव्य में कहा कि पूरे समाज को इस त्रासदी के समय श्रमिकों के मदद में आगे आना चाहिए। भाषा सिंह जी ने कोरोना त्रासदी में श्रमिकों की बदहाल स्थिति के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया और उनके मुख्य कारण पर अपनी अनुभव साझा की। धन्नजय राय जी ने अपने वक्तव्य के माध्यम से समाज में विराजमान गैरबराबरी को उजागर किया। उन्होंने कहा कि नवउदारवादी नीतियों से उपजी आर्थिक और सामाजिक विषमता ने मज़दूरों और गरीबों को और बदतर हालातों में जीने को मजबूर किया है।
वेबिनार की संयोजक राजनीतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष चिंटू थी। वेबिनार में जगजीवन कॉलेज आरा के प्रिंसिपल प्रोफेसर जवाहरलाल जी ने शामिल होकर हमारा उत्साह वर्धन किया। इस आयोजन में कॉलेज के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों का सहयोग रहा ।