बिन बारिश सड़क बनी तलाब
संवाददाता एहराज़ अहमद/सहार:- सहार एवं अबगिला के लोगों की नियति मानो तालाब जैसे सड़क को पार कर ही प्रखंड मुख्यालय,थाना या बस स्टैंड जाने की हो चुकी है। प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली पुरानी सड़क बिन बारिश सालों भर तालाब में तब्दील रहती है। जगह-जगह पीसीसी की हुई सड़क गड्ढे में तब्दील है जहां नालियों का पानी थाने के सामने,या मस्जिद के सामने जमा रहता है। सहार बाजार, सहार थाना से लेकर प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली पुरानी सड़क की स्थिति काफी नरकीय बन चुकी है जिसकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं दिखता है। ज्ञात हो कि इस सड़क पर सैकड़ों ग्रामीण,प्रशासनिक अधिकारी, एवं राजनेता प्रतिदिन इस सड़क से हो कर गुजरते हैं। कोरोना संक्रमण जैसे महामारी में जहां सरकार साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने का निर्देश जारी करती है वैसे मैं सहार थाना के सामने बना रोड पर गड्ढा तालाब सा लगता है जो यहां पर पहुंचने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को मुंह चिढ़ाता प्रतीत होता है। इस गड्ढे में बत्तख जल क्रीड़ा करते दिखाई देते हैं।

सहार थाना के मुख्य द्वार के समीप खड़े ट्रक भी थाना मोड़ के निकट दुर्घटना को निमंत्रण देते हैं। ओवरलोड या किसी अन्य घटनाओं में पकड़ी गई बड़ी गाड़ियों को थाना के मुख्य द्वार पर खड़ी करना अब थानाध्यक्ष को आदत सी हो गई है।
रोड की दयनीय स्थिति एवं बजबजाती नालियों की स्थिति पर तरारी विधायक सुदामा प्रसाद से बात करने पर वे बताते हैं की हमने सारी योजनाएं दी हैं सड़क निर्माण एवं नाला निर्माण को भी प्रयासरत हूं कि कार्य जल्द से जल्द हो जाए। बता दूं की विधायक का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने को है अगले कुछ महीने में चुनाव भी सर पर है परंतु सहार आबगिला के निवासी की समस्या जस की तस है। सहार प्रखंड प्रमुख से बात करने पर वे इस काम को कराने की भरपूर कोशिश की परंतु एस्टीमेट से बाहर एवं प्रमुख कार्य क्षेत्र से बाहर होने की वजह से वह कार्य को संपन्न नहीं करा सकी। स्थानीय मुखिया गोरख कुमार भी अब इस सड़क को भूल चुके हैं। बात करने पर उन्होंने बताया अब वे पुरानी सड़क मार्ग से मुख्यालय नहीं पहुंचते बल्कि वे सहार आरा मुख्य मार्ग का सहारा लेते हैं। उन्होंने भी बताया कि वे प्रयासरत है। परंतु सारे प्रतिनिधियों का प्रयास ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं जिसमें सहार प्रखंड की ग्रामीण जनता उस दिन के इंतजार में है जिस दिन वे इस सड़क पर बिना गंदा हुए बाजार से प्रखंड मुख्यालय पहुंच सके।