जगदीशपुर को अभी तक पर्यटन स्थल का नही मिला दर्जा
पर्यटन स्थल का दर्जा नही देने से लोगों में रोष
याद: प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने वीर योद्धा के सम्मान में जगदीशपुर को आदर्श नगर बनाने की घोषणा की थी
संवाददाता सूरज कुमार राठी/जगदीशपुर। स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी योद्धा वीर बाकुड़ा बाबू वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली जगदीशपुर को अभी तक पर्यटन स्थल का दर्जा नही मिला । इतने बड़े सेनानी की वीर भूमि को पर्यटन स्थल का दर्जा नही देने के कारण स्थानीय लोगो के साथ साथ पूरे जनपद के लोगों में रोष देखा जाता है। कौन सी ऐसी वजह है कि अमर सेनानी वीर कुवंर सिंह की धरती को राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने की कवायद नही की जा रही है।जिसका नतीजा है आज जगदीशपुर को पर्यटन स्थल बनाने की मांग अब चुनावी मुद्दा में तब्दील होने लगा है।वोट बटोरने की कवायद मे प्राय सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने बाबू वीर कुंवर सिंह के नाम का बखूबी इस्तेमाल मौके मौके पर हमेशा किया है।राजनीतिक पारी की शुरूआत हो या चुनावी शंखनाद के पूर्व भी बाबू वीर कुंवर सिंह को याद करने मे ये नेता चुकते नही है।लेकिन कभी इस दिशा मे प्रयास नही किया कि बाबू वीर कुंवर सिंह के सम्मान मे जगदीशपुर को पर्यटक स्थल का दर्जा मिले। उल्लेखनीय है कि इस अमर सेनानी 1857 अग्रणी योद्धा के सम्मान में काफी धूमधाम के साथ सर्वप्रथम 23 अप्रैल 1995 को विजयोतसव समारोह मनाया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने इस वीर योद्धा के सम्मान में जगदीशपुर को आदर्श नगर बनाने की घोषणा की थी बाबू साहब के सम्मान में देश के जगदीशपुर को पर्यटक स्थल बनाने कीघोषणा की थी मगर घोषणाओं का क्या हश्र होना था आज भी देखा जा सकता है।

बाद के विजयोतसव समारोह या अन्य अवसरों पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ,पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम ,पूर्व रेल मंत्री केदार पांडे , ,पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, रामविलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी किले मैदान से ऐतिहासिक धरोहर सहित पूरे जगदीशपुर की संरक्षण विकास घोषणा की थी लेकिन अभी तक जगदीशपुर को पर्यटक स्थल के रूप में दर्जा नहीं मिला। वोट बटोरने की कवायद में जहां राजनेताओं ने वोट बैंक के रूप में कुंवर सिंह को बखूबी इस्तेमाल किया है लेकिन उनसे जुड़ी यादो को सहेज रखने मे विफल रही है। उनकी जन्म कर्म भूमि जगदीशपुर के विकास के लिए कोई विशेष पैकेज नही दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक किला में बाबू वीर कुंवर सिंह स्मृति संग्रहालय को पुरातत्व विभाग के अधीन किया था लेकिन आज इस संग्रहालय की जो स्थिति है को देखते ही पता चल रही है। संग्रहालय के अंदर गिने-चुने हथियार व कुछ चित्रों के संकलन के अलावा कुछ नहीं है।राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक बार भारत सरकार ने ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने मे सरकार अब तक विफल रही है। बाबू साहब जिसके नाम से अंग्रजों के चेहरे पर पसीना आ जाता था ब्रिटिश हुकूमत थरथर कांपती थी उसी वीर सपूत के जन्म व कर्म भूमि को अभी तक पर्यटक सथल का दर्जा नही मिल पाया है।