महाशिवरात्री पर शिव पार्वती विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया।

 

बड़हरा सं।प्रखंड के बखोरापुर में हो रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के आज अंतिम दिन महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शिव पार्वती विवाहोत्सव का भव्य रुप से आयोजन किया गया। काशी मथुरा बनारस आदि जगहों से आए आचार्य के मंत्र से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। विधि विधान एवम् मांगलिक गीतों के साथ शिव पार्वती का विवाह बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ। जिसे देखने हेतु हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

केशोपुर से लेकर सबलपुर तक गाड़ियों की लंबी लाइन लग चुकी थी एक तरफ भव्य बने पंडाल में भंडारे का प्रसाद बांट रहा था एवम् दूसरी तरफ बड़े पंडाल में शिव पार्वती विवाह उत्सव मनाया जा रहा था। अनुमान के मुताबिक 50000 से अधिक लोगों ने महिला तथा पुरुष ने विवाह उत्सव में हिस्सा लिया।यज्ञ के अंतिम दिन होने के चलते बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश आदि

जगहों से काफी संख्या में भक्तगण स्वामी जी के दर्शन करने हेतु जुटे थे। सुबह 10:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक भंडारा चलता रहा जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा बहुत अधिक थी। काफी संख्या में समिति के कार्यकर्ता लोगों की सेवा में लगे हुए थे। जितनी भीड़ यज्ञ में थी उतनी ही उधर जय मां काली बखोरापुर वाली मंदिर में माता रानी के दर्शन के लिए भीड़ थी। स्वामी जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कहा कि इस तरह के आयोजन में हिस्सा लेने का सौभाग्य हरीकृपा से हीं मिल पाता है। और महादेव के विवाह उत्सव में अगर हिस्सा लेने का मौका मिले तो समझिये ईश्वर की कृपा साक्षात आपके ऊपर है।

स्वामी जी महाराज ने कहा कि माता पर्वती तथा महादेव का स्मरण मात्र से जन्म जन्म के पाप मिट जाते हैं जीवन की कितनी भी बड़ी परेशानियां हो महादेव का नाम लेते हैं पल भर में समाप्त हो जाता है। यह तो कालों के काल महाकाल है इनसे तो मौत भी टल जाता है। मौत को टालने का अधिकार सिर्फ महादेव के हीं पास है। स्वयं नारायण जी भी कहते हैं की जो महादेव की भक्ति नहीं करता है, मेरे पास उसका कोई स्थान नहीं रह जाता है।


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