इनरव्हील क्लब ऑफ आम्रपाली की प्रेसिडेंट विमला सिन्हा के आवास पर बैठाई गई मां सरस्वती की प्रतिमा , इस अवसर पर आम्रपाली के बैनर तले बांटे गए प्रशिक्षण पत्र

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना । या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

ऐसे ही मंत्रों से मंत्रमुग्ध हो रहा था विमला सिन्हा का निवास । अवसर था सरस्वती पूजा का , जहां पर इनरव्हील क्लब ऑफ आम्रपाली की प्रेसिडेंट विमला सिन्हा ने हर साल की तरह इस साल भी सरस्वती मां की प्रतिमा को स्थापित किया । मां का इतना भव्य रूप उनके चेहरे की इतनी खूबसूरत सुंदरता की जो भी देखता देखता ही रह जाता ।

आपको बताते चलें विमला सिन्हा के द्वारा सरस्वती पूजा लगातार 55 वर्षों से मनाया जाता रहा है , जहां पूर्व में उनकी सासू मां व अब विमला सिन्हा स्वयं प्रतिमा स्थापित करती हैं , व पूजा अर्चना करती हैं । इस अवसर पर काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे । बड़े-बड़े अधिकारीयों की गाड़ियां आती-जाती रही ।

वहीं दूसरी ओर इस अवसर पर इनरव्हील क्लब ऑफ आम्रपाली के बैनर तले ब्यूटीशियन प्रशिक्षित लड़कियों , अचार पापड़ चिप्स प्रशिक्षित महिलाओं को प्रशिक्षण पत्र दिया गया ।

आपको बताते चलें इनरव्हील क्लब ऑफ आम्रपाली की प्रेसिडेंट विमला सिन्हा के द्वारा महिलाओं को रोजगार से प्रेरित करने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया गया ।

जिसमें ब्यूटीशियन , अचार पापड़ बनाना , ड्राइविंग कोर्स व अन्य भी शामिल है । जिसमें करीब 100 लड़की-महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया ।

व करीब 20 लोगों को प्रशिक्षण पत्र सरस्वती पूजा के अवसर पर दिया गया बाकी बचे अन्य को बाद में दिया जाएगा क्योंकि वह इस मौके पर उपस्थित नहीं थी । आपको ज्ञात होगा कि पूर्व में भी इनरव्हील क्लब ऑफ आम्रपाली के बैनर तले समाज सेवा की दृष्टि से कई कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं , व महिलाओं को रोजगार देने के लिए विमला सिन्हा हमेशा है सक्रिय रहती हैं ।

वही प्रशिक्षण पत्र मिली ल़डकियों व महिलाओं से एटीएन सीटी न्यूज़ ने बातचीत की तो वह काफी खुश दिखी।

महिलाओ ने कहा- “दीदी के वजह से ही हमें एक अलग पहचान मिल रही है ” अचार पापड़ चिप्स बनाने के लिए विदेशी कंपनियां आगे आ रही हैं व प्रशिक्षित महिलाओं को रोजगार के लिए अवसर प्रदान हो रहे हैं ।

वही औरंगाबाद से आई हुई प्रशिक्षित महिला ने कहा – ” आज दीदी के वजह से ही हमारी रोजी-रोटी चल रही है , दीदी ने हमें इस लायक बना दिया कि हम अपनी अलग पहचान बना पा रहे हैं । ”


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