गरीबोन्मुख योजनाओं के बाद भी समाज का एक वर्ग है उपेक्षित

संवाददाता एहराज़ अहमद/सहार:-देशहित में संपूर्ण लॉकडाउन से गरीब,मजदूर एवं किसानों के बीच जीविकोपार्जन की समस्या उत्पन्न है। ऐसे में केंद्र सरकार की कई गरीबोन्मुख योजनाओं में जनधन,उज्जवला जैसी योजनाओं से कई परिवारों लाभान्वित होने की संभावना है। वहीं प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाता धारियों के खाते में पैसे डाले भी जा चुके हैं। परंतु अनुसूचित जाति की कैटेगरी में आने वाले मुसहर जाति आज भी लॉक डाउन की परवाह किए बिना अपने जीविकोपार्जन की जुगत में लगा है।

एक ओर जहां बैंकों एवं गैस एजेंसी के बाहर हर दिन लंबी लाइनें लगी होती हैं। बैंकों के बाहर लोग जनधन खाते में आए पैसों की निकासी करते दिखते हैं। वैसे मैं यह दलित वर्ग के लोग प्रखंड मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर कड़ी दोपहरी में खेतों एवं खलिहानों में अपनी जीविका चलाने के लिए अनाज चुनते दिखाई देते हैं। ऐसे ही कुछ मुसहर जाति के लोग हर दिन की तरह सहार में आनाज बीनकर उसे साफ करते दिखे। लॉक डाउन पर उनसे बात करने पर वह इससे अनभिज्ञ दिखे। उन्होंने यह भी बताया की हमारी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है। ऐसे में यदि हमने यह अनाज नहीं बिना तो अपना घर कैसे चला पाएंगे। एक ओर जहां सरकार दिए गए अनुदान राशि अपनी वाहवाही बटोरने एवं अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। वही ऐसे गरीबों,दलितों एवं असहायों का सहारा कौन होगा यह प्रशासन से सवाल है। जिसका जवाब मिलता हुआ नहीं दिख रहा है।


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