किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के बीच “एक जिला एक उत्पाद” विषय पर परिचर्चा का किया गया आयोजन

पटना/सारण, 25 मई, 2022

भारत सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ लाये गए एक महत्वपूर्ण योजना ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), छपरा इकाई तथा कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), मांझी, सारण के सहयोग से आज 25 मई, 2022 को केवीके, मांझी प्रशिक्षण केंद्र में टमाटर की खेती वैज्ञानिक एवं आधुनिक तरीके से करने को लेकर किसानों के बीच एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया।
परिचर्चा कार्यक्रम का उद्घाटन रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना के कार्यक्रम प्रमुख पवन कुमार सिन्हा, सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी सर्वजीत सिंह, केवीके के केंद्र प्रमुख व वरीय वैज्ञानिक डॉ.अभय कुमार सिंह, उद्यान वैज्ञानिक डा.जितेंद्र चंदोला, मृदा वैज्ञानिक डा.कन्हैयालाल रैंगर, पादप रोग वैज्ञानिक डा.रातुल मोनी राम तथा मृदा वैज्ञानिक डा.विजय कुमार ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।


परिचर्चा में सारण जिले के गरखा, जलालपुर, मांझी, एकमा एवं आसपास के अन्य प्रखंड के 50 से अधिक किसान शामिल हुए। परिचर्चा में केवीके के कृषि, मृदा एवं रोग विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने अपने संबोधन के माध्यम से टमाटर की उन्नत खेती, उसमें होने वाले विभिन्न रोगों की जानकारी एवं उससे बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
‘एक जिला एक उत्पाद’ कार्यक्रम की विषयवस्तु पर चर्चा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पटना स्थित रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) के कार्यक्रम प्रमुख पवन कुमार सिन्हा ने कहा की इस परिचर्चा कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य टमाटर की खेती करने वाले किसानों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाना था। इस परिचर्चा के दौरान जहां किसानों को वैज्ञानिक एवं आधुनिक तरीके से उन्नत किस्म के टमाटर की खेती करने के तरीके बताए गए, वहीं किसानों को आने वाली समस्याओं पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
परिचर्चा को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, मांझी के केंद्र प्रमुख एवं वरीय वैज्ञानिक डॉ अभय कुमार सिंह ने किसानों को टमाटर की खेती के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने किसानों को समूह बनाकर टमाटर की खेती करने एवं उसके प्रॉसेसिंग के माध्यम से टमाटर की खेती को लाभप्रद बनाने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि किसान टमाटर को प्रॉसेसिंग कर सूप, सॉस, चटनी आदि का उत्पादन कर मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने विपणन की समस्याओं के समाधान के लिए भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।

मौके पर फील्ड आउटरीच ब्यूरो, छपरा के सहायक क्षेत्रीय प्रचार आधिकारी सर्वजीत सिंह ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम का मुख्य मकसद किसानों को उनकी फसल बर्बादी से बचाना, साथ ही साथ आर्थिक स्तर पर मजबूत करना है। सारण जिले में टमाटर एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित है। सरकार का जोर इस बात पर है की टमाटर के अन्य उत्पाद भी खाद्य प्रसंस्करण के तहत तैयार किए जाए, जिससे किसानों को दोहरा फायदा हो यानी वह फसल से भी आमदनी कमा सकें और उसके द्वारा अन्य उत्पाद को बढ़ावा देकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकें।
उद्यान विशेषज्ञ डॉक्टर जितेंद्र चंदोला ने वैज्ञानिक विधि से टमाटर की खेती करने की बारीकियों को किसानों को बताया। पादप रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अतुल मुनि राम ने टमाटर के कीटो एवं रोगों के प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए किसानों को प्रबंधन एवं कीटों से होने वाले नुकसान से कैसे बचें उसकी पूर्ण जानकारी दी।
परिचर्चा के दौरान किसानों के बीच खेती-बाड़ी से संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सवालों के सही जवाब देने वाले किसानों को हजारा और टॉर्च पुरस्कार के रुप में दिए गए।
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