मानवता की मिसाल: युवाओं ने भूखे बंदरों को खिलाया खाना
●लॉकडाउन में इंसानों के साथ बेजुबानों का भी ख्याल
● युवाओं की अच्छी पहल देख लोगों ने की प्रशंसा
● आरा मोहनिया हाईवे मार्ग नारायणपुर समीप बड़ी संख्या में रहते है बंदर
● समाजसेवी कर रहे लोगों से मदद की अपील,लिया संकल्प
संवाददाता सूरज कुमार राठी/जगदीशपुर।कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद जानवरों के सामने भी भोजन का संकट आ गया है। इससे बंदरों का बड़ा समूह भी काफी प्रभावित हो रहा है।आरा मोहनिया नेशनल हाईवे जगदीशपुर अनुमंडल क्षेत्र से करीब पांच किमी दूर दुलौर नारायणपुर हाईवे से सटे खेतों में सैकड़ों की संख्या में बंदरों की डेरा है।लॉक डाउन में इन बेजुबान बंदरों को खाना भी ठीक से नसीब नहीं हो पा रहा है।खाने को कुछ नहीं मिलने से भूख से व्याकुल बेजुबान बंदर इधर- उधर भटक रहे है।

जगदीशपुर नगर के रहने वाले युवा समाजसेवी कुमार गौतम, रामनवमी समिति अध्यक्ष आकाश कुमार, पत्रकार राजकुमार वर्मा समाजसेवी राजिन्दर प्रसाद,रवि गुप्ता लॉक डाउन के बीच दुलौर नारायणपुर पहुंचे। यहां बंदरों के समूह को चना, संतरा, केला खिलाया। युवाओं ने बताया कि लॉकडाउन है बंदरों के सामने भोजन का संकट आ गया है। ये भूखे ही हैं। युवाओं के इस पहल की लोगों ने काफी तारीफ की।दरअसल इस इलाके में रहने वाले बंदरों के लिए भोजन की व्यवस्था पहले हाइवे से गुजरने वाले वाहन चालक तथा धार्मिक प्रवृति के स्थानीय लोग ब्रेड, केले, बिस्कुट, रोटी अादि खाने पीने का सामान डाल जाते थे तो इनका पेट भर जाता था। मगर लॉकडाउन होने से लोग घरों में कैद हो गए तो हाइवे पर भी सन्नाटा पसर गया।