शब-ए-बराअत पर कब्रिस्तान रहे बंद,अकीदतमंदों ने घरों में की अल्लाह की इबादत
मांगी दुआ- मुल्क को कोरोना संकट से मिले निजात
मुस्लिम धर्मावलंबी ने रातभर घरों में नमाज, तिलावत और दुआओं में रहे मशगूल
संवाददाता सूरज कुमार राठी/जगदीशपुर।शब-ए-बारात का त्योहार अकीदत, इबादत, तिलावत और दान, पुण्य के साथ मुस्लिम धर्मावलंबी ने रातभर घरों में नमाज, तिलावत और दुआओं में मशगूल रहे। गुरुवार को जगदीशपुर नगर से लेकर पूरे प्रखंड तक पूरी अकीदत के साथ शब-ए बरात मनाया गया।कोरोना के प्रकोप व लॉकडाउन के करण लोगो ने कब्रिस्तान जाने से परहेज किया।अकीदतमंदों ने घरों में ही सारी रात जागकर अल्लाह की इबादत की। पूर्वजों के लिए मगफिरत के साथ कोरोना महामारी से जल्द से जल्द निजात दिलाने की दुआ मांगी।

घरों में हलवा-पूरी आदि मीठे पकवान बनाकर खाए गए।शब-ए बरात की पूरी रात जागकर इबादत करने से सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।अकीदतमंदों ने पूर्वजों से अमन चैन की दुआ मांगी व उनकी आत्मा की शांति के लिए इबादत की।शब-ए बरात को लेकर सुबह से ही घरों में चहल-पहल देखने को मिली। मस्जिद के मौलानाओं की ओर से लोगों से कब्रिस्तान में न जाकर घर पर ही शब-ए बरात मनाने की अपील की गई थी।ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घर पर मोमबत्ती, दीया और अगरबत्ती जलाकर रौशनी किया।इसके पश्चात पूर्वजों के नम का फातिहा पढ़ा।कुरानशरीफ की तिलावत की। इस दौरान परिवार के सभी सदस्यों से घर में ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन कर रहे थे। ताजिया कमेटी के अध्यक्ष बाबूदिन मंसूरी ने बताया कि अकीदतमंदों ने घर पर ही रहकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की है। सभी की मुरादे अल्लाह जरूर कबूल करें व कोरोना जैसे महामारी से देश के लोगों की हिफाजत करें।
