मुम्बई से आये लड़के का ना जाँच न पड़ताल सीधे डीएमसीएच रेफर।
संवाददाता कुणाल कुमार /सुपौल
सुपौल :-स्वास्थ्य महकमे में कोरोना का कितना खौफ है ये आज सदर अस्पताल में देखने को मिला है। जहां एक लड़के को बिना किसी जांच पड़ताल के डीएमसीएच इसलिए भेज दिया गया क्योंकि वो लड़का मुम्बई से आया था।जबकि उस लड़के में किसी भी बीमारी के लक्षण नहीं थे बाबजूद इसके न तो जांच की गई और न पड़ताल की गई कहा गया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सीधे डीएमसीएच भेज दिया गया है।
दरअसल बाल संरक्षण ईकाई मुंबई द्वारा बाल श्रम में पकङे गये 14 साल के बच्चे को सुपौल बाल संरक्षण की टीम को सौंपा गया

जिसके सुपौल बाल संरक्षण की टीम ने उसकी जांच कराना उचित समझा और इसके लिए उसे सदर अस्पताल लाया गया। सदर अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने इस मामले में बिना किसी गंभीरता के उसे
डीएमसीएच रैफर कर दिया ताकि उसकी कोरोना से संबंधित जांच डीएमसीएच भेज दिया ।बाल संरक्षण के अधिकारी भाष्कर ने बताया कि वो लड़का मुंबई से लाया गया है इसलिए शक के आधार पर उसकी चिकित्सीय जांच करायी गई .जिसके बाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे डीएमसीएच रैफर कर दिया है .
मालूम हो कि ऐसे किसी भी तरह के मरीजो के लिए सुपौल सदर अस्पताल में आईसोलेशन सेंटर बनाया गया है और अगर किसी मरीज को कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखकर बीमारी से संबंधित सैम्पल जांच के लिए बाहर भेजा जाता है।

पर सदर अस्पताल में ऐसा किया नहीं जाता सीधे मरीज को ही डीएमसीएच रेफर कर डॉक्टर पल्ला झाड़ लेते हैं।
सदर अस्पताल के डीएस अरुण कुमार वर्मा का कहना है कि उस मरीज में कोरोना के स्पष्ट लक्षण नही मिले है लेकिन एहितियातन उसे डीएमसीएच रैफर किया गया है .
बाइट–भाष्कर कश्यप बाल श्रम ईकाई सुपौल
बाइट–डाँ अरुण कुमार वर्मा, अस्पताल उपाधिक्षक।