बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीमारियों से निपटने की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्विट कर दी जानकारी

मौसमी बीमारियों के साथ-साथ सर्पदंश व एंटी रैबीज दवाओं की रहेगी उपलब्धता

वार्डों में दवाओं, डीडीटी व ब्लीचिंग पाउडर का होगा छिड़काव

बक्सर. बरसात का मौसम शुरू होने से पहले ही जिले में संभावित बाढ़ के खतरे के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी जाती है। जहां एक ओर आपदा प्रबंधन विभाग राहत व बचाव कार्य में लगता है, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग बाढ़ व मौसम के कारण उत्पन्न बीमारियों से निपटने की तैयारी में जुट जाता है। इस साल भी आगामी दिनों में बाढ़ की संभावना को देखते हुये तैयारियां तेज हैं। इस संबंध में राज्य सरकार व राज्य स्वास्थ्य समिति ने भी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को मुकम्मल तैयारी करने का निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित इलाकों की एएनएम को बाढ़ के दौरान कोविड-19 के सामान्य नियमों का पालन करने हेतु जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। जिसके लिये लोगों को सुरक्षित स्थानों तक लाने के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करने की अपील की जायेगी। वहीं, नावों या मोटर बोटों को भी आवश्यकता के अनुसार सैनिटाइज किया जायेगा ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव नहीं हो।

प्रभावित इलाकों के लोगों के लिये होगा दवाओं का भंडारण

जिले में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुये प्रभावित व उसके आसपास के इलाकों में स्थित सभी प्राथमिक और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का भंडारण किया जायेगा। इसके लिये राज्य स्वास्थ्य मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री मंगल पांडेय ने ट्विट कर बताया है कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी तैयारियों से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। जिसके मद्देनजर प्रभावित इलाकों में दवाओं की कमी न हो इसके लिये सर्दी, खांसी, जुकाम, डायरिया एवं हैजा जैसी मौसमी बीमारियों के अलावा सर्पदंश व एंटी रैबीज दवाओं का भी भंडारण किया जायेगा। ताकि, जरूरत पड़ने पर आवश्यक इलाकों में इन दवाओं की सप्लाई की जा सके। उन्होंने बताया है , फिलवक्त जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना है। जिसको देखाते हुये स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त व्यवस्था करने की तैयारी में है। जिसके तहत पिछले वर्ष की भांति ही जिले के प्रभावित पांच प्रखंडों के इलाकों में नौका अस्पताल संचालित किया जायेगा। जिससे बाढ़ से घिरी आबादी तक पहुंच कर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेगी।

संक्रमण को देखते हुए मास्क की होगी पर्याप्त व्यवस्था

डीपीएम संतोष कुमार ने बताया, राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन व आईसीडीएस विभाग के समन्वय से प्रभावित इलाकों में पहचान कर वहां के वृद्धजन, दिव्यांग, बच्चे, गर्भवती व धातृ महिलाओं की चिन्हित किया जा रहा है। ताकि, बाढ़ आने की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। दूसरी ओर, संक्रमण को देखते हुए मास्क वितरण की भी तैयारी की जा रही है। इसके लिये स्थानीय जनप्रतिनिधियों व वार्ड सदस्यों के सहयोग से प्रभावित इलाकों के सभी परिवार के लोगों को मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे, ताकि कोरोना का फैलाव रोका जा सके। दूसरी ओर, इस कार्य में आईसीडीएस विभाग भी लग गया है। जिसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकायें और सहायिकायें अपने संबंधित पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं व स्वास्थ्य की दृष्टि से अतिसंवेदनशील महिलाओं की सूची एवं संभवित प्रसव की तिथि तैयार करेंगी। ताकि बाढ़ के दौरान सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके।


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