
नही रही रंगमंच की संरक्षिका नन्दनी सिन्हा
धर्मेन्द्र कुमार/आरा:-. वरिष्ठ रंगकर्मी व पत्रकार रविन्द्र भारती की माँ नन्दनी सिन्हा का निधन क्रोनिक अटैक के कारण हो गया. वे 75 वर्ष की थीं. वे लगभग 3 साल से इलाजरत थीं. उनको लंबे समय से अस्थमा की शिकायत थी और घर पर ही इलाज चल रहा था. इसी दौरान 1 माह पूर्व उनका कुल्हा टूट गया और तब से बेड पर थीं. पिछले एक महीने से वे काफी तकलीफ में थीं. भोजपुर के कल्याणपुर की रहने वाली नन्दनी सिन्हा का जन्म 11 दिसंबर 1945 को हुआ था. उनकी शादी तारकेश्वर शरण सिन्हा से हुआ था जो नहर विभाग में क्लर्क थे. वे फिलहाल रिटायर हो चुके हैं. वे हमेशा कलाकारों को अपने घर पर रिहर्सल के लिए बुलातीं और उन्हें प्रोत्साहित करती थीं. कितनी भी बड़ी संख्या क्यों न हो जाये उनके लिए पूरे कलाकार उनके अपने बच्चे जैसे प्यारे थे. उनके हाथों के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद शायद ही कोई ऐसा हो जिसने न चखा हो.
उन्हें सभी प्यार से अम्मा बुलाते थे. लेकिन आज अम्मा का अंतिम दीदार करने गए सभी कलाकारों के आंखों में आँसू छलक गए. बिसरी यादे जैसे आंखों के सामने दृश्य बनकर दिखने लगे. परिवार वालों का तो रो-रोकर बुरा हाल था. बड़ी बेटी संगीता अर्चना, मंझिली बेटी सरिता अर्चना और छोटी बेटी मोनिता अर्चना का रोने से बुरा हाल था.
कुशल गृहणी के साथ ही साथ नन्दनी सिन्हा कला की संरक्षिका थी. उन्होंने रविन्द्र भारती और अभिषेक गौरव जैसे दो अभिनेता आरा रंगमंच को दिया. रविन्द्र भारती सिर्फ अभिनेता ही नही बल्कि एक कुशल निर्देशक और पत्रकार भी है. वे भोजपुर के पहले ऐसे रंगकर्मी हैं जिनको भारत सरकार के साथ ऑस्ट्रेलिया के कैनबेरा यूनिवर्सिटी ने फेलोशिप के लिए चुना था.
नन्दनी सिन्हा अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर गयी हैं. उन्हें 2 लड़के और 3 लड़कियाँ है और सबकी शादी हो गयी है. दो पोते, दो नतिनी और तीन नाती के साथ 3 देवर हैं. डॉ रमेश सिन्हा, डॉ प्रदीप कुमार सिन्हा और आर्ट कॉलेज आरा के पूर्व प्राचार्य डॉ सुधीर कुमार सिन्हा उनके देवर हैं. उनके निधन की खबर से भोजपुर के कलाकारों में शोक की लहर है. निधन की खबर के बाद घर पर परिजनों के साथ रंगकर्मियों और पड़ोसियों का तांता लगा हुआ है. लेकिन आने जाने वाले कोविड प्रोटोकॉल का खुद से पालन कर रहे हैं. उनका अंतिम संस्कार गांगी श्मशान में किया गया. वरिष्ठ रंगकर्मी चन्द्रभूषण पांडेय,अशोक मानव,भास्कर मिश्रा, कृष्णेन्दू, शैलेन्द्र सच्चु, आलोक सिंह,आलोक सिन्हा,प्रेमजीत,रौशन कुमार,रौशन , रजनीश कुमार उज्ज्वल गुंजन ,ओमकार रमण आदित्य, डब्लू कुमार,व ओ पी पांडेय के साथ चित्रकार रौशन राय,कमलेश कुंदन ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और कई अंतिम यात्रा में शामिल भी हुए. आरा रंगमंच,अभिनव एवं एक्ट,सर्जना,अम्बा, नेशनल साइंटिफिक रिसर्च एन्ड सोशल एनालिसिस ट्रस्ट जैसे कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं ने नन्दनी सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.