कोरोना त्रासदी में सकारात्मक मनःस्थिति रखेँ: डॉ. चौधरी

 

आरा:-सहजानंद ब्रह्मर्षि कॉलेज, आरा के मनोविज्ञान के विभागाध्यक्षय राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल सह कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कृष्ण चंद्र चौधरी, साथ ही वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क मनावैज्ञानिक परामर्श दे रहें हैं।

कोरोना वायरस जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है और कोविड-19 बीमारी का कारण है। आम नागरिकों के मन में कोरोना वायरस को लेकर चिंताएं बढ़ी है और वे इसे गंभीर खतरे के रूप में देख रहे हैं। इस वायरस का नया रूप (दूसरी लहर यानी नया खौफ कोविड-2.0) ज्यादा लोगों को अप्रत्याषित रूप से प्रभावित कर रहा है। कोरोना वायरस जनित (कोविड-19) महामारी ने हमें सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, चिकित्सकीय और आर्थिक रूप से बुरी तरह से प्रभावित किया है। और तो और कहर बरपाती ये वायरस का नया रूप के बीच जिंदगी के साथ आजीविका भी बचाने की दोहरी चुनौती बन गई है।

इस वायरस ने दुनिया भर में डर, भय और गंभीर चिंता का माहौल बना दिया है। ये त्रासदी आकस्मिक एवं व्यापक स्तर की चुनौती है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए वर्तमान में कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित रूप से करें और टीकाकरण से वायरस फैलने की श्रृंखला को रोक सकें।

इसके साथ ही डॉ. चौधरी ने बताया की हताश, नाउम्मीदी, डर, भय, अनिश्चितता, चिंता, घबराहट, संदेहजनक वातावरण व निराशा वर्तमान जीवन की बड़ी समस्या है। दबाव और चिंता की अवस्था में व्यक्ति में प्रायः सांवेगिक अनुक्रिया मनोसामाजिक डर, आशंका और घबराहट उत्पन्न होता है, जो भावनाओं के आदान प्रदान से कम किया जा सकता है। इससे समायोजन एवं परिस्थिति के अनुरूप स्वयं को ढ़ालने की क्षमता बढ़ती है। इस विकट परिस्थिति से उत्पन्न मिश्रित भावनाएं और मनोसामाजिक तनाव, मानसिक दबाव व चिंता, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी मुद्धों के साथ भय से बाहर निकलने में मनावैज्ञानिक हस्तक्षेप कारगर साबित होता है। साकारात्मक सोच और रचनात्मक क्रियाकलापों को अपना कर दबावपूर्ण स्थिति से बाहर निकला जा सकता है।

उन्होंने बताया की बहुत ही मुश्किल परिस्थिति है। इसीलिए डर के रहिए, थोड़े दिन डरना भी जरूरी है क्योंकि यह डर आपको जिंदा रखेगा, नहीं तो याद रखें कि यह वायरस हमारे करीब से किसी को उठा ले जाएगा। बचाव के जितने भी उपाय हैं उनको जीवन में आत्मसात कर लीजिए। कोविड-19 व्यवहार का हमेशा पालन करें क्योंकि अभी के हालात में बचना ही ईलाज है। हमलोग बचाव का पालन करते हुए यथाशीघ्र टीकाकरण करवाएं मैं स्वयं टीका लगवाया हूं, इस महामारी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है। इसके साथ ही टीकाकरण लेना सरकार को सभी के लिए अनिवार्य कर देना चाहिए।

लोगों को जागरूक बनाने के लिए अखबार, सोशल मीडिया और टेलीविजन का उपयोग किया जा रहा है। केवल दृढ़ ईच्छाशक्ति और हम की भावना के साथ प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। हमलोगों को अच्छी मानसिक स्थिति और मनोबल को बनाये रखने का समय है। हमें इस लड़ाई को लड़ना और जितना ही होगा। हमारे राष्ट्र ने काफी आपदाएं झेल चुके हैं और हम इससे भी तो उबर ही जाएंगे।


[responsive-slider id=1811]

जवाब जरूर दे 

क्या R.K. Singh लोकसभा चुनाव 2024 में आरा लोकसभा से भाजपा के होंगे उम्मीदवार?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close

Website Design By Bootalpha.com +91 82529 92275