
आरा सदर अस्पताल की लापरवाही आई सामने,मरीजों के परिजनों के द्वारा व्हील चेयर पर बैठा व हाथ मे ऑक्सिजन सिलिंडर लेकर वार्ड में कराया भर्ती
आरा:-आरा का सदर अस्पताल कई दिनों से सुर्खियों में है। पिछले कई दिनों से सदर अस्पताल की जो तसवीर सांमने आ रही है वो दर्दनाक है। ISO की मानक उपाधी से नवाजा जाने वाला बिहार का पहला ISO 9001- 2008 अस्पताल कोई और नही बल्कि पटना मुख्यालय से महज़ 60 किलोमीटर दूर भोजपुर ज़िला के आरा शहर में स्थित है। कहने को तो ये ISO CERTIFIED है मगर इसमें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।भोजपुर जिला के सदर अस्पताल में मरीजों को सहारा देने वाले स्वास्थ्य कर्मी अब गायब दिखाई देते हुए नजर आ रहे हैं। नौबत यहां तक बन गई है कि साथ आये मरीजों के परिजनों के द्वारा खुद व्हील चेयर पर बैठा कर और हाथ मे ऑक्सिजन सिलिंडर लेकर वार्ड तक भर्ती करवाने के लिए ढोह रहे हैं।जिनकी मदद करने वाला जिला अस्पताल में कोई नहीं है। इन हालात में अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था भी लचर पड़ती हुई दिखाई दे रही है।पहले मरीजों को बाहर से अंदर ले जाने और वार्ड से बाहर लाने का काम स्वास्थ्यकर्मी के भरोसे हुआ करता था, लेकिन जिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी रहने के बाद भी अब उनका कोई पता नहीं चलता।वहीं प्रबंधन के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। खास बात यह है कि शहर का प्रमुख अस्पताल जिला अस्पताल ही अव्यवस्थाओं का शिकार नहीं है, बल्कि जिले के अधिकांश प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब है। कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिलते तो कहीं अव्यवस्था होने के कारण मरीजों को रैफर कर दिया जाता है। हालांकि इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भी है, लेकिन जिले के अस्पतालों की हालात और व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा रहा है।मरीज के परिजन ओपीडी के कोविड-19 वार्ड में मरीजों को खुद से शिफ्ट करने में लगे हुए थे। मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज को शिफ्ट करने वाला कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं था तब हम लोग खुद से व्हील चेयर पर बैठा कर और हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर ओपीडी कोरोना वार्ड में शिफ्ट किये।