
Jagdishpur: हे छठी मईया: छठ घाट व घरों में व्रतियों ने दिया उगते सूर्य को अर्घ्य,04 दिनों तक चलता है महापर्व
राजकुमार वर्मा/जगदीशपुर (भोजपुर):- जगदीशपुर में सोमवार की अहले सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था के चार दिवसीय चैती छठ महापर्व अपार आस्था व विश्वास के साथ उत्सवी माहौल में संपन्न हुआ। छठ व्रतियों समेत श्रद्धालुओं का भक्ति भाव देखते बना। नगर स्थित शिवजी पोखरा सह छठिया तालाब घाट की शोभा देखते बन रही थी। कोरोना को लेकर लगाई गयी पाबंदियों के बावजूद छठव्रती अर्घ्य छठ घाट पर ही दी।
जबकि, प्रखंड व नगर के कई व्रती अपने घर की छतों पर ही सूर्योपासना में लीन रही। इसके पूर्व छठ व्रतियों ने रविवार को छठ घाट व अपने घर की छतों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरु हुए इस पर्व का समापन उगते भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ हुआ। छठ व्रतियों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का प्रसाद ग्रहण किया और समाज और देश की कुशलता की कामना की। साथ ही, कोरोना महामारी से बचाव के लिए भी आराधना की। इसके साथ ही व्रतियों ने अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ किया व 36 घंटे का निर्जला उपवास समाप्त किया। अर्घ्य के दौरान व्रतियों द्वारा गाए जा रहे पारंपरिक छठ गीत से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। इसके पूर्व माथे पर दउरा लिए श्रद्धालु सुबह छठ घाट पहुंचे। माथे पर प्रसाद की दउरा लेकर घाट पर जाते पुरुष व पीछे से गाना गाते हुए घाट पर जाती महिलाएं श्रद्धा की मिसाल पेश कर रही थीं। घाट पर महिलाओं द्वारा गाए जा रहे छठ के पारंपरिक गीतों से पूरा माहौल को भक्तिमय बना दिया। छठ पर्व को लेकर लोगों में उत्साह रहा। हालांकि इस चैती छठ पर्व का आयोजन सभी घरों में नहीं होता है। बहुत कम घरों में इसका आयोजन होता है। इस पर्व में भी कार्तिक मास में होने वाले छठ के समान ही सभी नियमों का पालन किया जाता है।