जगदीशपुर में निकली आठ झांकियों के संग आधा किमी लंबी भगवान शंकर की अनोखी बारात

 

● बारात में औघड़नाथ की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र

● शिव और माता पार्वती का जयमाला देख झूम उठे श्रद्धालु

● लाल व केसरिया पगड़ी बांध शिवभक्तों ने लगाए महादेव की जयकारे

राजकुमार वर्मा/जगदीशपुर (भोजपुर):- बाबू वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली जगदीशपुर में बाबा योगेश्वर नाथ धाम से महाशिवरात्रि को शिव बारात की भव्य व आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई। नगर में आठ झांकियों के साथ गाजे-बाजे संग आधा किमी से भी लंबी दैत्यों के साथ निकली इस शिव बारात की अनोखी शोभा यात्रा का मनोरम दृश्य देखते ही बन रहा था। बरात में एक रथ, दस ट्रैक्टर, चार साउंड सेट, आठ घोड़ों के संग भूत-पिचास अपने अंदाज में शामिल रहे। साथ ही, हजारों की संख्या में शिव बराती लाल व केसरिया पगड़ी बांधे हर-हर महादेव के नारे लगाते रहे।

आठ झांकियों में पांच, महादेव अलग-अलग रूप में, तीन माता पर्वती, चार माता पर्वती की सहेली, एक ब्राह्मण, दो नारद, एक अघोरनाथ सहित कई झांकियों में आकर्षण का केंद्र रहा। बता दें कि शिव की बारात में आगे-आगे घोड़े की बाद पहली झांकी में सांपों में लिपटी भगवान शंकर दैत्यों संग बैंड-बाजे के साथ चल रहे थे। उसके बाद नगर पंचायत के प्रभारी मुख्य पार्षद संतोष कुमार यादव, पूर्व उपाध्यक्ष अर्जुन प्रसाद, वार्ड पार्षद संजय पासवान, रंजीत राज, शशि कमल, रविन्दर चौधरी, मुना चौधरी, नायक सिंह, भाजपा नेत्री संध्या सिंह, पूनम कुशवाहा, रामनवमी समिति अध्यक्ष सिद्धार्थ गुप्ता उर्फ बीरू, आयोजन समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन चीकू, झांकी निर्देशक विनोद भारती, मेकअप कारीगर तरुण प्रकाश सिंह, दशरथ सिंह महेंद्र सिंह, कामता सिंह, मार्गदर्शन बसंत राम शिक्षक सोना लाल जी अजय कुमार विजय शिक्षक, जयप्रकाश सिंह, मुकेश कुशवाहा व गणमान्य लोगों के साथ बीडीओ कृष्ण मुरारी, सीओ जय राम प्रसाद संग दंडाधिकारी पुलिस बल के जवान थे।

दूसरी झांकी में रथ पर सवार ब्रह्मा विष्णु व नारद बरात जा रहे थे। तीसरी झांकी में नगर की वधुएँ बरात में शादी का गीत गा रही थी। इसके बाद समिति के सदस्यों द्वारा प्रसाद का वितरण किया जा रहा था। चौथी झांकी में राजा हिमाचल अपने दरवाजे पर द्वारपूजा व विवाह की रस्में की तैयारी कर रहे थे व अप्सराए नृत्य करती मिली। पांचवी झांकी में भगवान शंकर व मां पार्वती के साथ नोकझोंक का पात्र चल रहा था।

छठी झांकी में भगवान शंकर भांग-धतूर खाते दिखे। सातवीं झांकी में भगवान शंकर पार्वती की जयमाल की रस्म हुई व अंतिम झांकी में अघोरनाथ का तांडव रूप देखने को मिला। शिव बारात छठिया तालाब से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्गो का भ्रमण करते हुए वापस तालाब पास आकर अद्भुत अद्वितीय व अलौकिक नजारा के बीच संपन्न हुआ। इसके पूर्व नप प्रभारी मुख्य पार्षद ने समिति के कार्यकर्ताओं को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। समिति ने भी प्रभारी मुख्य पार्षद को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

झांकी में किसने किस पात्र की भूमिका निभाई

शिव बारात की शोभायात्रा में भगवान शंकर के पांच पात्रों में जय कुमार पासवान, नवनीत पासवान, अमित कुमार ठाकुर, रितिका कुमारी और शिवजी पासवान थे। माता पार्वती के तीन पत्रों का रूप चितरंजन राय, धीरज कुमार व रूपा कुमारी ने धारण किया। साथ ही, सहेली की भूमिका में प्रीति पासवान, कन्हैया पासवान, पलक कुमारी व अनु कुमारी शामिल थी। ब्रह्मा के रूप में राजेंद्र प्रसाद, विष्णु के वेश में सरोज पासवान, नारद का विक्की कुमार व रवि कुमार ठाकुर, राजा हिमाचल का अक्षत सिंह, मैना रानी का अजय कुमार, पुजारीन जूली ठाकुर, पुजारी महेश राय व टिंकू राय व अघोरनाथ राम तपस्या अमीन, मुन्ना गोंड व शशिनाथ ने पात्र निभाया।

शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

महाशिवरात्रि को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में गुरुवार की सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बाबा योगेश्वर नाथ धाम मंदिर व ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। सुबह से शाम तक श्रद्धालु भक्तजन शिव मंदिर पहुंचकर शिवालय पर जलाभिषेक किया। वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच मंदिरों का उत्साह ही नजारा देखते ही बन रहा था।


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